जिस तरह हिंदी सिनेमा में एक एक्टर का किरदार काफी अहम माना जाता है उसी तरह एक कॉमेडियन का रुतबा भी हिंदी सिनेमा में शुरू से ही रहा है। बात चाहे मुख्य अभिनेता से ज्यादा फीस लेने वाले महमूद को हो या फिर जॉनी वॉकर की। बॉलीवुड फिल्मों में कॉमेडी का तड़का शुरुआती दौर से ही देखने को मिल रहा है। ऐसे में बात करेंगे उन 5 क्लासिकल कॉमेडियन्स की जिनकी शक्ल देखते ही दर्शकों की हंसी छूट जाती थी।
जॉनी वॉकर (Johnny Walker) को 50, 60 और 70 के दशक का सबसे बेस्ट कॉमेडियन माना जाता है। जॉनी वॉकर बेशक आज हमारे बीच नहीं हों लेकिन उनकी फिल्में आज भी लोग उतनी ही उत्सुकता से देखते हैं। उस दौर की लगभग हर फिल्म में जॉनी वॉकर होते थे।
भगवान दादा का नाम सुनते ही उनकी कॉमेडी और डांस की अलग स्टाइल जहन में उभरने लगता है। भगवान दादा का असली नाम भगवान आभाजी पालव था।
जॉनी वॉकर
जॉनी वॉकर (Johnny Walker) को 50, 60 और 70 के दशक का सबसे बेस्ट कॉमेडियन माना जाता है। जॉनी वॉकर बेशक आज हमारे बीच नहीं हों लेकिन उनकी फिल्में आज भी लोग उतनी ही उत्सुकता से देखते हैं। उस दौर की लगभग हर फिल्म में जॉनी वॉकर होते थे।
महमूद अली
अपने विशिष्ट अंदाज, हाव भाव और बेहतरीन आवाज से दर्शकों को हंसाने और गुदगुदाने वाले कॉमेडी किंग महमूद अली ने अभिनय के दम पर महमूद ने करोड़ों लोगों को अपना दीवाना बनाया। उस दौरान किसी एक्टर के लिए तालियां बजती थी तो वो महमूद थे। जब शूट खत्म होता तो महमूद के लिए जमकर तालियां बजाईं जाती थीं। महमूद अकेले ऐसे कॉमेडियन थे, जिनकी तस्वीर फिल्म के पोस्टर में हीरो के साथ होती थी।
जगदीप
जगदीप बॉलीवुड में कॉमेडी की वजह से जाने जाते हैं। जगदीप को फिल्म शोले में सूरमा भोपाली के किरदार के नाम से जाना जाता है. ये किरदार इतना फेमस हुआ था कि इसकी अलग से फिल्म बनाई गई थी। मशहूर अभिनेता जगदीप ने 400 से ज्यादा फिल्मों में काम किया है। इन फिल्मों में 'अब दिल्ली दूर नहीं', 'मुन्ना', 'आर पार', 'दो बीगा जमीन' और 'हम पंछी एक डाल के' हैं। इन फिल्मों के बाद जगदीप की लोकप्रियता इतनी बढ़ गई थी कि उन्हें मुख्य अभिनेता के तौर पर फिल्मों में काम मिलने लगा।
भगवान दादा
भगवान दादा का नाम सुनते ही उनकी कॉमेडी और डांस की अलग स्टाइल जहन में उभरने लगता है। भगवान दादा का असली नाम भगवान आभाजी पालव था।